Description
शिवलिङ्ग पर यजुर्वेद (रुद्री) के मन्त्रों के साथ जल-दुग्ध-मधु इत्यादि से अभिषेक करने का विधान है, जिसके करने से सुख-समृद्धि एवं मनोवाञ्छित फल प्राप्त होते हैं | इसमें रुद्राभिषेक षडङ्ग पाठ के साथ-साथ नमक-चमक अध्यायों की आवृत्ति के साथ किया जाता है | इसमें भगवान रूद्र की षोडशोपचार पूजा के साथ, शिव परिवार – माँ गौरी, गणेश, कार्तिकेय एवं नन्दी का पूजन कराया जाता है |
यजमान को सपत्नीक एवं बंधु-बांधव सहित किसी भी शुभ दिन विशेषकर त्रयोदशी-चतुर्दशी, सोमवार, श्रावण मास में प्रातः अथवा प्रदोष के समय (सायंकाल में) यह पूजा कराई जाती है |
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पूजा का प्रकार : रुद्राभिषेक (नमक-चमक आवृत्ति के साथ)
पूजा में समय : 3-5 घंटे
पूजा : भगवान रूद्र की षोडशोपचार पूजा के साथ, शिव परिवार – माँ गौरी, गणेश, कार्तिकेय एवं नन्दी का पूजन
पुरोहित : 2 द्विज
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